The best Side of Shodashi

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Shodashi’s mantra encourages self-self-discipline and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate higher Regulate in excess of their feelings and actions, leading to a more aware and purposeful method of life. This gain supports personal expansion and self-self-discipline.

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं

सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।

The follow of Shodashi Sadhana is really a journey in direction of both equally pleasure and moksha, reflecting the twin nature of her blessings.

The Mahavidya Shodashi Mantra is likewise a powerful Software for people seeking harmony in own interactions, Imaginative inspiration, and steering in spiritual pursuits. Typical chanting fosters emotional healing, enhances instinct, and allows devotees entry greater wisdom.

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में check here राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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